लखनऊ : स्टाफ सेलेक्शन कमीशन (एसएससी) के स्टेनोग्राफर स्किल टेस्ट में अभ्यर्थियों के स्थान पर परीक्षा देने पहुंचे 13 सॉल्वरों को शुक्रवार शाम आशियाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। परीक्षा करा रही नोडल एजेंसी टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज (टीसीएस) ने मूल आवेदन व प्रारंभिक परीक्षा के प्रवेशपत्र की फोटो में अंतर पाए जाने पर छानबीन कर ये खेल पकड़ा। टीसीएस के अधिकारी की तहरीर पर आशियाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर शनिवार को आरोपियों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया।
टीसीएस के अधिकारियों के मुताबिक, एसएससी के स्टेनोग्राफर स्किल टेस्ट से पहले दिसंबर 2020 में प्रारंभिक परीक्षा हुई थी। उसके परीक्षा फॉर्म व प्रवेशपत्र में कुछ ऐसे लोगों के फोटो लगे थे, जो मूल आवेदन के फोटो से मेल नहीं खा रहे थे। उक्त लोगों को चिह्नित कर लिया गया था। इसके बाद शुक्रवार को जब स्टेनोग्राफर स्किल टेस्ट हुआ तो पूछताछ कर 13 लोगों को रंगे हाथ दबोच लिया गया। इनके पास से 14,693 रुपये की नकदी, तीन मोबाइल फोन व प्रवेशपत्र समेत अन्य जाली दस्तावेज़ बरामद हुए हैं।
पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि सॉल्वर गैंग का मास्टरमाइंड प्रयागराज का कोचिंग संचालक है। उसने एसएससी का फॉर्म भरने वाले लोगों से प्रारंभिक परीक्षा व स्टेनोग्राफर स्किल टेस्ट में पास कराने का ठेका लिया था और मोटी रकम वसूली थी। कोचिंग संचालक के साथ परीक्षा पास कराने का उसे ठेका देने वालों पर भी शिकंजा कसने की तैयारी पुलिस ने की है।